आज हम आपको उनके धन-दौलत या उनके लाइफस्टाइल के बारे में नहीं बल्कि अनिल अंबानी और उनके भाई मुकेश अंबानी के बीच में ऐसा क्या हुआ जिस कारण उनके रिश्ते में खटास आ गई है।
तो चलिए जानते है क्या है असल वजह…
यह मामला साल 2002 का है जब उनके पिताजी धीरू भाई अंबानी का निधन हुआ जिसके बाद दोनों भाइयों को अरबों की संपत्ति विरासत में हासिल हुई। धीरू भाई अंबानी के मौत के बाद काफी ऐसे सवाल खड़े हुए कि उनकी मौत के बाद अब उनके बड़े साम्राज्य का उत्तराधिकारी कौन होगा। इसी के बाद दोनों ही भाइयों के बीच सारी प्रॉपर्टी को लेकर काफी दूरिया बढ़ती चली गई। लेकिन उनकी माँ कोकिला बेन ने काफी कोशिश की वह दोनों बेटों के बीच दूरी कम करें लेकिन वह यह करने में असमर्थ रहीं।
माँ ने दोनों के बीच संपत्ति का बंटवारा किया
बता दें कि जब इस बात का साफ अनुमान हो गया कि अनिल और मुकेश साथ नहीं रहेंगे तो साम्राज्य का विलय निश्चित था. उस दौरान उनकी माँ ने दोनों के बीच संपत्ति का बंटवारा किया। इस बंटवारे पर देश नहीं बल्कि विदेशी की मीडिया की भी नजर गढ़ी हुई थी। जब बंटवार हो गया तो उनकी माँ कोकिला बेन ने सिर्फ इतना कहा कि शिवजी की कृपा से सब ठीक हो गया।
धीरू भाई अंबानी ने अपने साम्राज्य के लिए उत्तराधिकारी की तुलना नहीं की थी
कहा जाता है कि धीरू भाई अंबानी ने अपने साम्राज्य के लिए उत्तराधिकारी की तुलना नहीं की थी। उसके बाद मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बने। लेकिन बात इतनी तक कहां सीमित रहने वाली थी साल 2004 में दोनों भाइयों के बीच की दूरी सार्वजनिक हो गई और अनिल अंबानी ने अपने हक की मांगा की।
कावेरी बेसिन से मिलने वाली गैस को लेकर दोनों भाइयों के बीच कोर्ट में विवाद
लेकिन यह विवाद का सिलसिला इस तरह ही बढ़ता रहा। जब अनिल की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन ने जब दक्षिण अफ्रीका की एक कंपनी के साथ मर्जर की बात शुरू की तो मुकेश भी कंपनी में अपना हक जताने लगे। ये ही नहीं इसके बाद दोनों के बीच कावेरी बेसिन से मिलने वाली गैस को लेकर दोनों भाइयों के बीच कोर्ट में लंबे समय तक विवाद चलता रहा। आज भी दोनों भाइयों के बीच उतनी ही दूरिया देखी जाती है जितनी की पहले थी।